निवेशकों आज हम “स्टॉक मार्केट मे रिटेल इन्वेस्टर कौन होते है” इस टॉपिक को लेकर डिटेल मे जानने वाले है। इसके अलावा हम इस टॉपिक के Subtopic को भी जानेगे ।
मैंने अपने इस पोस्ट मे आपको शेयर मे रिटेल इन्वेस्टर से जुड़ी सभी तरह की जानकारी देने के साथ साथ उनके शेयर मार्केट मे होने वाले लॉस को कैसे कम किया जा सकता है इसके बारे मे भी पूरी तरह बताया हुआ है। तो चलिए दोस्तों हम बिना किसी देरी के शुरू करते है,
इस पोस्ट मे हम क्या जानेगे:
- स्टॉक मार्केट मे रिटेल इन्वेस्टर किसी कहते है?
- शेयर मार्केट मे रीटेल इन्वेस्टर का लॉस हमेशा क्यू होता है?
- रिटेल इन्वेस्टर अपने लॉस को कम कैसे कर सकते है?
- रिटेल इन्वेस्टर शेयर मार्केट को कितने दिन मे सिख सकते है?
- रिटेल इन्वेस्टर के द्वारा पूछे गए कुछ सवाल?
स्टॉक मार्केट मे रिटेल इन्वेस्टर किसे कहते है?
शेयर मार्केट मे रिटेल इन्वेस्टर ऐसे किसी व्यक्ति को कहा जाता है जो खुद से आनलाइन ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म या एप के माध्यम से कमोडिटी कान्ट्रैक्ट को खरीदता या बेचता है।
अगर हम सेबी (सेक्यूरिटीस एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के द्वारा रिटेल इन्वेस्टर की परिभाषा को देखे तो इसके अनुसार शेयर बाजार मे रिटेल इन्वेस्टर उसे कहा जाता है जो आईपीओ मे 2,00,000 रुपये से ज्यादा के शेयर की बोली नहीं लगाते है या जिसकी शेयर बाजार मे 2 लाख से कम की हिस्सेदारी रखते है।
शेयर मार्केट मे रीटेल इन्वेस्टर का लॉस हमेशा क्यू होता है?
रिटेल इन्वेस्टर का शेयर मार्केट मे लॉस होने का मेजर कारण रिटेल इन्वेस्टर शेयर बाजार मे ठीक तरीके से अनालीसिस नहीं करते दूसरा कारण ये शेयर बाजार से जल्दी से कम पैसे से ज्यादा पैसे कमाने के सोच को लेकर मार्केट मे अपना कदम रखते है।
इनके पास शेयर बाजार मे लगाने के लिए कम पैसे होते है जिनको केवल पेनी स्टॉक मे ही लगाया जा सकता है और हम सभी जानते है की पेनीस्टॉक मे इन्वेस्ट करना कितना जोखिम भरा होता है।
रिटेल इन्वेस्टर अपने लॉस को कम कैसे कर सकते है?
एक्स्पर्ट्स की अनालीसिस की माने तो रिटेल रिटेल इन्वेस्टर शेयर मार्केट मे केवल और केवल पैसे कमाने की सोच को लेकर मार्केट मे उतरते है वह मार्केट को सीखना और समझना नहीं चाहते उन्हे केवल जल्दी से पैसे कमाने की जल्दी लगी रहती है यही वजह है की इनका हमेशा ही लॉस होता रहता है।
लेकिन अगर रिटेल इन्वेस्टर को अपने लॉस कम कारण अचहते है तो इनको शेयर मार्केट के कुछ महत्वपूर्ण फ़ैक्टर्स को समझना पड़ेगा तभी वह एक प्रॉफ़िट टेबल ट्रैडर बन पायेगे। हमने कुछ शेयर मार्केट के फ़ैक्टर्स को इस प्रकार बताया हुआ है,
- लर्न पटटर्न्स: निवेशकों को चाहिए की वे चार्ट मे इस्तेमाल होने वाले सभी पटटर्न्स को सीखे और समझे जैसे की कंडलेस्टिक्स पटटर्न्स, चार्ट पटटर्न्स । इसके अलावा उन्हे मोमेन्टम पटटर्न्स और ब्रेकआउट पटटर्न्स को भी सीखने की जरूरत है।
- डीप अनालीसिस: रिटेलर को शेयर बजार मे जिस भी स्टॉक को बाइ करना हो उस स्टॉक के फुनफ़मेन्टल तथा टेक्निकल अनालीसिस को कई दिनों तक अनालीस करना चाहिए। इसके अलावा उस स्टॉक के सेक्टर, उसके कम्पेटिटर, शेअर के बीते सालों परफॉरमेंस तथा सलाना रिटर्न्स जैसे फ़ैक्टर्स को जानना चाहिए।
- कंट्रोल Fomo: दोस्तों FOMO उसे कहते है जब कोई नया शेयर मार्केट मे एंट्री करना है या कोई स्टॉक अचानक ही तेजी आ जाती है तो हर जगह उस शेयर को खरीदने की चर्चा होने लगती है इसे ही FOMO कहते है। इसे ऑपरेटर के द्वारा खेला जाता है इसको देखकर रिटेल इन्वेस्टर जल्दी से इस शेयर मे एंट्री बना लेते है और लॉस कर लेते है।
- चार्ट रीडिंग : रिटेल इन्वेस्टर ज्यादातर चार्ट को अनालीसिस नहीं करते को केवल दूसरों के द्वारा कही गई अनालीसिस पर भरोसा करते है। रिटेल इन्वेस्टर को चाहिए की वह चार्ट सम्बधी सारी चीजों को सीखे जैसे की चार्ट पटटर्न्स, कैन्डलस्टिक पटटर्न्स, इन्डकैटर फॉर्मूले और ट्रिक्स ट्रेंड पटटर्न्स आदि जैसी चीजे शामिल है।
- लो इनवेस्टमेंट: शुरुआती दौर मे रिटेल इन्वेस्टर को चाहिए की पहले लो निवेशकता से शेयर बाजार मे प्रवेश करे जब कुछ महीने या कुश सालों मे बाद अनुभव हो जाए तभी इस मार्केट मे अपने हिस्सेदारी को बढ़ाए।
- ओवेरट्रैडिंग से हमेशा बचे: कई रिटेल इन्वेस्टर शेयर बाजार मे लॉस करने के बाद दुबारा प्रॉफ़िट पाने के लिए लगातार शेयर को बाइ या सेल करने लगते है जिसका परिणाम ये होता है की इनका केवल कुछ ही दिनों के अंदर उनका पूरा पैसा डूब जाता है।
रिटेल इन्वेस्टर शेयर मार्केट को कितने दिन मे सिख सकते है?
एक्सपर्स की माने तो किसी भी रिटेल इन्वेस्टर को शेयर मार्केट को सीखने मे 3-4 साल लग जाते है। अपने इस सालों मे वह शेयर मार्केट मे होने वाली हर गतिविधि को, शेयर मे सारे पटटर्न्स, प्राइस एक्शन, टेक्निकल अनालीसिस और फन्डमेनल के सभी भी इस्तेमाल को सिख लेता है।
रिटेल इन्वेस्टर के द्वारा पूछे गए कुछ सवाल:
Q.शेयर मार्केट मे रिटेल इन्वेस्टर अपना पैसा क्यों डूब देते है?
Ans: शेयर मार्केट मे रिटेल इन्वेस्टर अपना पैसा इस लिए डूब देते है क्योंकि उन्हे मार्केट को पढ़ना नहीं आता वह मार्केट मे केवल कमाने की सोच को लेकर आते है। रिटेल इन्वेस्टर को चाहिए की उस मार्केट को सीखने और समझने जैसी सोच को लेकर मार्केट मे उतरना चाहिए।
Q.रिटेल इन्वेस्टर अपने लॉस को कैसे कम कर सकता है?
Ans: रिटेल इन्वेस्टर अपने लॉस को कुछ कई तरीकों को अपनाकर कम कर सकता है जैसे की
- Over trading को कंट्रोल करके।
- अपना चार्ट रीडिंग को अच्छा करके।
- खुद की कुछ ट्रैडिंग रणनीति बनाकर।
- कम कैपिटल से तरदिंग करके।
Q. क्या रिटेल निवेशक को पेनी स्टॉक मे निवेश करना चाहिए?
Ans: नहीं दोस्तों अगर रिटेल इन्वेस्टर पेनी स्टॉक मे निवेश नहीं करना चाहिए उसे उस पैसों को इंट्राडे ट्रैडिंग मे लगाना चाहिए ताकि उसे शेयर मार्केट को सीखने मे ज्यादा समय न लगे।
Q. रिटेल इन्वेस्टर को कितना पैसा लेकर मार्केट मे आना चाहिए?
Ans: रिटेल इन्वेस्टर को शेयर मार्केट मे केवल 10-20k को लेकर मार्केट मे उतरना चाहिए और उसी पैसे से शेयर मार्केट को सीखना और समझना चाहिए।
Q. क्या रिटेल इन्वेस्टर शेयर मार्केट एम अपना पहला कदम ऑप्शन मे रख सकता है?
Ans; नहीं दोस्तों रिटेल को शेयर मार्केट मे अपना पहला कदम ऑप्शन ट्रैडिंग मे नहीं रखना चाहिये क्योंकि इसमे बहुत ही ज्यादा रिष्की ट्रैडिंग होती है, रिटेल ट्रैडर को चाहिए की वह केवल इंट्राडे ट्रैडिंग ही करे।
Conclusion
दोस्तों हमने इस ब्लॉग पोस्ट मे आपको “स्टॉक मार्केट मे रिटेल इन्वेस्टर कौन होते है” तथा इससे जुड़ी सभी तरह की जानकारी देने का प्रयास किया है, अगर आपको इस टॉपिक से रिलेटेड कुछ और भी जानकारी चाहिए तो आप कृपया इस कमेन्ट बॉक्स मे लिख सकते है।
मैं आपको केवल कुछ ही घंटों के अंदर आपके पूछे गए सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करूंगा।आपने मेरा ब्लॉग पोस्तकों पढ़ा मैं इसके लिए आपका जीवन भर आभारी रहूँगा
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