रिवर्सल ट्रेडिंग के लिए कौन सी टाइम फ्रेम बेस्ट है-जानिए।

हैलो दोस्तों आज हम “रिवर्सल ट्रेडिंग के लिए कौन सी टाइम फ्रेम बेस्ट है?” इस टॉपिक को लेकर डिटेल मे चर्चा करने वाले है और जानने वाले है की हम रिवर्सल ट्रेडिंग किस प्रकार से कर सकते है और रिवर्सल ट्रेडिंग के रिष्क कौन-कौन से है।

आइल अलावा हम आज इस टॉपिक के अलावा इस टॉपिक के सुबटोपिक को भी कवर करने वाले है जैसे की “रिवर्सल ट्रैडिंग किसे कहते है?” और “रिवर्सल ट्रैडिंग के रिस्क कौन से है?”। तो चलिये दोस्तों बिना देरी किए आज के इस पोस्ट की शुरुआत करते है,

आज हम इस पोस्ट मे क्या जानेगे:

  • रिवर्सल ट्रेडिंग के लिए कौन सी टाइम फ्रेम बेस्ट है?
  • रिवर्सल ट्रैडिंग किसे कहते है?
  • रिवर्सल ट्रैडिंग के रिस्क कौन से है?
  • ट्रैडिंग मे रिवर्सल किस समय पर आता है?
  • रिवर्सल ट्रैडिंग मे रिवर्सल को पहचानने के कौन से तरीके है?
  • निवेशकों के द्वारा पूछे गए कुछ महत्वपूर्ण सवाल?

रिवर्सल ट्रेडिंग के लिए कौन सी टाइम फ्रेम बेस्ट है?

दोस्तों शेयर मार्केट मे रिवर्सल ट्रेडिंग की बात करे तो दोस्तों इस ट्रैडिंग के लिए एक्स्पर्ट्स ने केवल 3-5 मिनट्स के टाइम फ्रेम को प्राफिटबल टाइम फ्राम बताया है।

अगर आप इससे ऊपर के टाइम फ्रेम को इस्तेमाल करते है तो आप market मे रिवर्सल को नहीं पहचान पायेगे जिससे आपका रिवर्सल ट्रेडिंग मे केवल और केवल लॉस होगा।

3-5 मिनट्स के टाइम फ्रेम आपको शेयर मे होने वाली हर छोटी-से-छोटी बुलिश और बेरिश की activity को दिखाएगे और एक बेहतरीन चार्ट आपके सामने प्रदर्शित कारेगे। जिससे आप रिवर्सल ट्रेडिंग के एक प्राफिटबल ट्रैडर बन सकते है।

रिवर्सल ट्रैडिंग किसे कहते है?

जब मार्केट अपने दिए हुए मूव को रिकवर करता है तो उसे रिवर्सल कहा जाता है और ऐसी ट्रैडिंग को रिवर्सल ट्रैडिंग कहते है। इस ट्रैडिंग मे निवेशकों को केवल कुछ ही समय मे वालटिलिटी के कारण अच्छा रिटर्न्स मिल जाता है। क्योंकि रिवर्सल एम मार्केट मे मोमेंट काफी जल्दी-जल्दी होता है।

रिवर्सल ट्रैडिंग के रिस्क कौन से है?

रिवर्सल ट्रैडिंग मे रिवर्सल ट्रैडिंग के सामने कई सारे रिष्क होते है जिससे बच कर उन्हे ट्रैडिंग करनी होती है। अगर वे इन सभी चीजों को मार्केट मेनहीं देखेगे तो अपना लॉस कर बैठेगे।

रिवर्सल ट्रैडिंग मे रिवर्सल ट्रैडर के रिस्क:

  • ऑपरेटर के रिवर्सल के जाल मे फस जाना।
  • कई बार ऐसा होता है की निवेशक मार्केट के रिवर्सल को opposite डिरेक्शिन मे मान लेते है जिससे उनका भारी नुकसान हो जाता है।
  • रिवर्सल मे वालटिलिटी का होना सबसे बढ़ा रिष्क है क्योंकि इसमे एक छोटी सी भूल आपके सारे कैपिटल को एक झटके मे खतम कर देगी।

ट्रैडिंग मे रिवर्सल किस समय पर आता है?

दोस्तों मार्केट मे रिवर्सल के आने का कोई भी समय निर्धारित नहीं होता है रिवर्सल के आने का पता हम चार्ट मे स्ट्रक्चर को देख कर लगा सकते है। इसके अलावा हम शेयर के सारे डिमांड और सप्लाइ जोन को मार्क करके भी लगा सकते है ये तरीका सबसे आसान है।

दूसरा तरीका की आप शेयर के चार्ट मे बनने वाले सभी कैन्डल के स्तरेन्थ की जाच करके भी रिवर्सल के आने का पता लगा सकते है ये भी एक आसान तरीका है ये जल्द ही सिख जा सकता है।

रिवर्सल ट्रैडिंग मे रिवर्सल को पहचानने के कौन से तरीके है?

रिवर्सल ट्रैडिंग मे रिवर्सल को पहचानने के कई सारे तरीके मौजूद है जिन्हे आप फॉलो करके मार्केट के चार्ट मे रिवर्सल का पता लगा सकते है। जो ट्रैडर मार्केट मे आने वाले रिवर्सल को पहचान लेता है वह मार्केट से एक अच्छा रिटर्न्स जेनरैट कर पाता है।

रिवर्सल ट्रैडिंग मे रिवर्सल को पहचानने के कुछ महत्वपूर्ण तरीके:

  • पहले तरीके मे आप शेयर के सभी माग(डिमांड) और आपूर्ति(सप्लाइ) ले लेवाकल्स को पहचान कर लीजिए।
  • अपने दूसरे टीके मे आप उन कुछ महत्वपूर्ण लेवल को मार्क कर लीजिए जिस लेवल पर आकर मार्केट मे रिवर्सल आया हो।
  • तीसरे तरीके मे आप उन लेवल पर मार्केट के प्राइस के आने का इंतजार कीजिए।
  • चौथे और आखिरी तरीके मे आप उन लेवल के ब्रेक और रेटेस्ट का को देखेगे और अपनी पज़िशन उस शेयर मे एक छोटे स्टॉपलॉस के साथ बनाइये।

निवेशकों के द्वारा पूछे गए कुछ महत्वपूर्ण सवाल:

Q. मार्केट मे रिवर्सल क्यों आते है?

Ans. मार्केट को दो लोग चलाते है एक तो बाइअर और एक सेलर। जब मार्केट मे इन दोनों मे से किसी एक की संख्या बढ़ जाती है तब वह मार्केट को अपनी दिशा मूव करने लगता है जिसे मार्केट की भाषा मे रिवर्सल के नाम से जाना जाता है।

Q. अपनी एंट्री रिवर्सल मे कैसे बनाए?

Ans. आप कुछ तरीकों को फालो करके रिवर्सल मे अपनी एंट्री बना सकते है। दोस्तों रिवर्सल मे वालटिलिटी के कारण पैसे दुगनी तेजी से बनते है स वजह से आपको रिवर्सल को सीखना चाहिए।।

  • आप अपने पहले स्टेप मे मार्केट के माग(डिमांड) और आपूर्ति(सप्लाइ) लेवल्स को पहचाने।
  • दूसरे तरीके मे आप कुछ चुननिन्दा लेवल्स को मार्क करके इनके ब्रेक होने का इंतजार करो।
  • तीसरे तरीके मे आप उन लेवल के ब्रेक और रेटेस्ट होते ही आप अपने छोटे से स्टॉपलॉस के साथ उस शेयर मे अपनी एंट्री बना ले।

Q. क्या हम केवल चार्ट देखकर का पता लगा सकते है?

Ans. जी हा दोस्तों आप केवल चार्ट को देखकर ही रिवर्सल के आने का पता लगा सकते हो जिससके लिए आपको कुछ सीखने की जरूरत होगी वह इस प्रकार है,

  • चार्ट रीडिंग।
  • चार्ट पटटर्न्स।
  • कैन्डलस्टिक्स पटटर्न्स।

Q. रिवर्सल के पहचानने के तरीके क्या हो सकते है?

Ans. रिवर्सल के पहचानने के तरीकों को हमने अपने “रिवर्सल ट्रैडिंग मे रिवर्सल को पहचानने के कौन से तरीके है?” इस हेडिंग मे कवर किया हुआ है। आप इन सभी तरीकों को स्टेप-बाइ-स्टेप फॉलो करके एक एक साइड income जेनरैट कर सकते है।

Conclusion

दोस्तों आज के इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको “रिवर्सल ट्रेडिंग के लिए कौन सी टाइम फ्रेम बेस्ट है?” इस टॉपिक को डिटेल मे बताने की कोशिश की हुई है। मैंने अपनी तरफ से इस टॉपिक को डिटेल मे समझाया हुआ है।

अगर आपको “रिवर्सल ट्रेडिंग के लिए कौन सी टाइम फ्रेम बेस्ट है?” को लेकर कोई भी डाउट है तो आप कॉमेंट कर सकते है मैं केवल कुछ घंटों के अंदर आपके सभी सवालों के जवाब देने की कोशिश करूंगा “नमस्कार” allsharetarget.com

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