Range Trading: क्या है, कैसे सीखे, इसके फायदे और नुकसान।

दोस्तों आज की पोस्ट मे हम “Range Trading किसे कहते है?” इस टॉपिक को डिटेल मे जानने और समझने वाले है। इसके अलावा आज हम इस टॉपिक से रिलेटेड टॉपिक जैसे Range trading kaise sikhe , Range trading kaise kare को डिटेल मे चर्चा कारेगे।

दोस्तों आज की ये पोस्ट Range ट्रैडिंग के ऊपर Dedicated है तो चलिए बिना देरी किए आज की इस पोस्ट की शुरुआत करते है।

What is Range Trading-रेंज ट्रैडिंग किसे कहते है?

Range Trading शेयर मार्केट में इस्तेमाल की जाने वाली रणनीति(Strategy) है, जब बाजार का मूल्य(Price) किसी विशिष्ट सीमा के अंदर उतार-चढ़ाव करने लगता है, तब इस रणनीति का इस्तेमाल किया जाता है। ये रणनीति निवेशक को उस विशिष्ट सीमा के अंदर बाजार में बिक्री तथा खरीदारी का अवसर प्रदान करती है और यही रेंज ट्रेडिंग का लक्ष्य है।
जब बाजार का मूल्य किसी सीमा में चला जाता है तब मार्केट में कोई और रणनीति काम नही आती है केवल निवेशक रेंज ट्रेडिंग के जरिए ही प्रॉफिट बना सकता है।

Types of Range Trading-रेंज ट्रेडिंग के प्रकार

रेंज ट्रेडिंग दो प्रकार की होती है जो इस प्रकार बताए हुए है,

क्षैतिज रेंज ट्रैडिंग(Horizontal Rage Trading)

ये ट्रेडिंग क्षैतिज(Horizontal) दिशा में की जाने वाली ट्रेडिंग है। इसमें बाजार का मूल्य दो सीधी क्षैतिज रेखाओं(level) के बीच फस जाता है, इस स्थिति में निवेशक को प्रॉफिट कमाने के लिए क्षैतिज(Horizontal) रेंज ट्रेडिंग रणनीति का सहारा लेना पड़ता है।

चैनल रेंज ट्रैडिंग(Channel Range Trading)

जब मार्केट का मूल्य(Price) किसी चैनल के भीतर फस जाता है तब निवेशक चैनल रेंज ट्रेडिंग का इस्तेमाल करता है। ये ट्रेडिंग क्षैतिज(Horizontal) रेंज ट्रेडिंग से आसान होती है। लेकिन दोस्तो इस रणनीति में क्षैतिज(Horizontal) रेंज ट्रेडिंग से ज्यादा रिस्क होता है क्योंकि इस रणनीति में ऑपरेटर की ट्रैपिंग ज्यादा होती है।

Challenges of Range Trading-रेंज ट्रेडिंग की चुनौतियां।

रेंज ट्रेडिंग की कुछ चुनौतियो को एक्सपर्ट्स ने इस प्रकार बताया हुआ है,

सीमा की पहचान करना

ट्रेडिंग के चार्ट पर सीमा की पहचान करना ये रेंज ट्रेडिंग की सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि कभी-कभी चार्ट में रेंज बनाने पर प्राइस इस रेंज को तोड़ देती है जिसकी वजह से हम सही सीमा नहीं बना पाते। सीमाएं गलत होने पर निवेशक के सभी ट्रेड एक बड़े नुकसान की तरफ चले जाते है।

जोखिम का होना

रेंज ट्रेडिंग में निवेशकों को अपनी रणनीतियां बनाने में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। निवेशक की रणनीति में Trading plan, Stop loss को लगाना, टारगेट को सेट करना इत्यादि शामिल है।

ट्रैपिंग का आ जाना

कई बार देखा गया है की ऑपरेटर रेंज ट्रेडिंग में रेंज चैनल का फेक(fake) ब्रेकआउट करके निवेशकों को ट्रैप करके उनका नुकसान कर देते हैं,और ट्रैपिंग से बचने का तरीका निवेशकों के पास मौजूद नहीं होता है।

स्टॉप लॉस सेटलमेंट

रेंज ट्रेडिंग में स्टॉपलॉस को सेट करना निवेशक की सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि रेंज ट्रेडिंग में बाजार के मुड़ाव का पता नहीं चल पाता। गलत स्टॉप लॉस लगा लेने से निवेशक का नुकसान हो जाता है।

रेंज ट्रेडिंग का क्या उद्देश्य हैं?

रेंज ट्रेडिंग का उद्देश्य निवेशक को आसान तरीके से शेयर मार्केट से एक पैसिव इनकम(Side income) जेनरेट कराना है। इसके अलावा रेंज ट्रेडिंग का उद्देश्य निवेशक को शेयर मार्केट का एक सफल ट्रैडर बनाना है।

The Advantage of Range Trading-रेंज ट्रेडिंग करने के फायदे

एक्सपर्ट्स के द्वारा रेंज ट्रेडिंग के कुछ फायदे बताए गए हैं जो कुछ इस प्रकार हैं

जोखिम में कमी(Reduction in risk)

रेंज ट्रेडिंग एक निश्चित सीमा के अंदर की जाने वाली ट्रेडिंग है, इसी वजह से निवेशकों के नुकसान होने के चांसेस बहुत कम हो जाते हैं।

ज्यादा रिटर्न की संभावना(Possibility of higher returns)

रेंज के अंदर निवेशक बाजार के चार्ट का एनालिसिस ठीक ढंग से कर पता है जिससे उसके सही निवेश के चांसेस बढ़ जाते हैं। बाजार में सही निवेश करने से रिटर्न के चांसेस भी बढ़ जाते हैं।

ट्रेड के अधिक अवसर की प्राप्ति

रेंज ट्रेडिंग में बाजार का मूल्य एक रेंज में फंसा होता है जिससे निवेशक आसानी से समझ कर ट्रेड के अवसर की पहचान कर सकता है।

तकनीकी विश्लेषण की कम जरूरत

रेंज ट्रेडिंग नाम में बाजार एक एक रेंज में होता है जिससे निवेशक को टेक्निकल एनालिसिस करने में ज्यादा कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता इससे निवेदक की ट्रेडिंग आसान हो जाती है।

रेंज ट्रेडिंग करने के 4 नुकसान

एक्सपट्र्स नाम रेंज ट्रेडिंग के चार नुकसान को इस प्रकार बताया हुआ है,

सीमित लाभ क्षमता(Limited profit potential)

रेंज ट्रेडिंग में बाजार का मूल्य किसी रेंज के भीतर उतार-चढ़ाव करता रहता है जिसकी वजह से निवेशक का लाभ सीमित हो जाता है। निवेशक चाह कर भी अपने लाभ को बढ़ा नहीं सकता।

सीमा की पहचान करने में कठिनाई

जैसा कि दोस्तों हमें पता है कि रेंज ट्रेडिंग एक रेंज में होती है इस रेंज की पहचान का नाम निवेदक के लिए सबसे बड़ी कठिनाई है। कोई गलत रेंज डिसाइड कर लेने से निवेशक के नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है।

गलत ब्रेकआउट का उच्च जोखिम

रेंज ट्रेडिंग में निवेशक को कोई एक रेंज को डिसाइड करना होता है , जब बाजार में अस्थाई उछाल या गिरावट आती है, तो रेंज के ब्रेक आउट हो जाते हैं। इसमें जो निवेशक पोजीशन को बनाए हुए होते हैं उनका काफी नुकसान हो जाता है।

लगातार निगरानी की आवश्यकता

रेंज ट्रेडिंग में पोजीशन बनाए हुए निवेशकों को अपने ट्रेड की लगातार निगरानी करनी पड़ती है, क्योंकि बाजार के तनिक उछाल से रेंज के ब्रेकआउट हो सकते हैं जिससे उनका नुकसान बढ़ सकता है।

Range Trading  से कितना कमा सकते है?

दोस्तों रेंज ट्रेडिंग से आप आप एक दिन के अंदर लाखों तक कमा सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको रेंज ट्रेडिंग के सभी फैक्टर और रणनीतियों को सिखाना होगा। बिना इसको सीखे आप एक सफल रेंज ट्रेडर नहीं बन सकते।

Range Trading किस टाइम फ्रेम में की जाती है?

एक्सपर्ट्स की माने तो रेंज ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा टाइम फ्रेम 5 मिनट का है। क्योंकि 5 मिनट के टाइम फ्रेम(Time frame) में रेंज ट्रेडिंग में होने वाले सभी मोमेंटम को बारीकी से देखा और समझा जा सकता है।

Range Trading के लिए बेस्ट इन्डकैटर क्या हैं?

कुछ रेंज ट्रेडिंग अनुभवी तथा रेंज ट्रेडर ने रेंज ट्रेडिंग के लिए कुछ सफल इंडिकेटर को बताया है जो इस प्रकार हैं,

  • MACD
  • Moving average
  • VWAP
  • Super Trend
  • Stochastics

Conclusion

आज की इस पोस्ट के मध्यम से मैंने आपको Range Trading के सभी प्रकार, इसके लाभ और नुकसान को डिटेल मे समझाया हुआ है। इसके अलावा मैंने रेंज ट्रैडिंग से रिलेटेड सभी प्रकार के टॉपिक को डिटेल मे कवर किया है।

मैं आशा करता हूँ की आपको मेरी ये पोस्ट पसंद आई होगी। अगर आपको इस टॉपिक को लेकर कोई भी डाउट है तो आप कमेन्ट कर सकते है।

आप सब ने मेरी इस पोस्ट को पढ़ा मैं इसके लिए आपका आभारी रहूँगा “नमस्कार allsharetarget.com”

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