शेयर मार्केट में रिवर्सल का पता कैसे लगाए-हिन्दी।

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका मेरे इस वेबसाईट allsharetarget.com मे आज के इस ब्लॉग पोस्ट मे हम “शेयर मार्केट में रिवर्सल का पता कैसे लगाए?” इस टोपिक्स पर चर्चा करने वाले है, इसके अलावा हम इस टोपिक्स से रिलेटेड और भी टॉपिक को कवर करने वाले है।

इसके आलवा हम बात करेगे की “शेयर मार्केट मे रिवर्सल आने के क्या कारण हो सकते है?” और “शेयर मार्केट मे रिवर्सल को बताने वाला इन्डकैटर कौन सा है?” तो दोस्तों आज के इस पोस्ट को पढ़ने के बाद रिवर्सल के बारे कोई भी डाउट नहीं रहने वाले है तो चलिए आज के ब्लॉग पोस्ट की शुरुआत करते है,

आज इस पोस्ट मे हम क्या सीखेगे:

  1. शेयर मार्केट में रिवर्सल का पता कैसे लगाए?
  2. स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेंड रिवर्सल कैसे खोजें?
  3. शेयर मार्केट मे रिवर्सल आने के क्या कारण हो सकते है?
  4. शेयर मार्केट मे रिवर्सल को बताने वाला इन्डकैटर कौन सा है?
  5. ऑप्शन मे ट्रेंड रिवर्सल की पहचान कैसे करे?

शेयर मार्केट में रिवर्सल का पता कैसे लगाए?

शेयर मार्केट मे रिवर्सल का पता लगने के लिए सबसे पहले आपको सपोर्ट लेवल और सेलिंग लेवल को समझना होगा सीखना होगा बिना इन सब को सीखे आप शेयर मार्केट मे रिवर्सल का पता नहीं लगा सकते है, हमने सपोर्ट और सेलिंग लेवल को कुछ इस प्रकार समझाया हुआ है,

  1. सपोर्ट लेवल: जब काभी भी मार्केट मे बार बार तेजी आये और शेयर का भाव एक ही लेवल को बार बार टचकरके फिर से तेजी दिखाने लगे तो उस लेवल को सपोर्ट लेवल कहते है। इस लेवल को डिमांड लेवल के नाम से भी जानते है।
  2. सेलिंग लेवल: जब काभी भी शेयर मे बार बार तेजी आए और शेयर का भाव केवल एक उपर के लेवल को टच करके वापस भी से मंदी मे आ जाए तो उस लेवल को सेलिंग लेवल कहते है क्योंकि उस लेवल मे ज्यादातर सेलर अपनी पज़िशन को बनाकर बैठे हुए होते है।

शेयर मार्केट में रिवर्सल का पता लगाने के कुछ मूल मंत्र

दोस्तों  शेयर मार्केट मे रिवर्सल का पता लगाने का केवल कुछ मूल मंत्र है जो की इस प्रकार बताए गए है,

  1. जब मार्केट मे एक बड़ा डाउनट्रेंड आया हो और मार्केट अपने प्रीवीअस सपोर्ट लेवल्स के पास या जाए और सपोर्ट लेवल को टच करे तो ज्यादा संभावना होती है की मार्केट अब रिवर्सल को दिखा सकता है।
  2. दुसरी कन्डिशन ये है की जब अपनी सपोर्ट लेवल को नीचे से उपर की ओर ब्रेकआउट डे और उस सपोर्ट लेवल को ब्रेकआउट की दूसरी बुलिश कैन्डल टच करे तो Market मे रिवर्सल आने के चानसेस बढ़ जाते है।

दोस्तों यही सैम कन्डिशन बेरिश रिवर्सल के लिए भी लागू होती है लेकिन इसमे ब्रेकआउट उपर से नीचे की तरफ होना चाहिए।

स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेंड रिवर्सल कैसे खोजें?

स्विंग ट्रेडिंग मे रिवर्सल का पता गलने के लिए हमे हर दिन की बनी हुई सारी कैन्डल को ध्यान से अनालीस करना होगा। हमे देखना होगा की कही किसी दिन मे कोई भी बेरिश ऐक्टिविटी तो नहीं हुई है या फिर कोई बेरिश कैन्डल सपोर्ट लेवल के पास नहीं बनी हो।

अगर ये सारी कन्डिशन पाज़िटिव दिख रही हो तो मार्केट के पिछले सपोर्ट पे आने का इंतजार करे। अब स्विंग ट्रेडिंग मे ट्रेंड रिवर्सल का पता लगाने के लिए एक दिन के अंदर ब्रेकआउट तथा दूसरे दिन का रेटेस्ट हो बेहद जरूरी होता है अगर ये सारी कन्डिशन मार्केट हुई तो आशाये होती है की मार्केट मे तेजी आएगी।

शेयर मार्केट मे रिवर्सल आने के क्या कारण हो सकते है?

शेयर मे कही न कही ऐसे लेवल होते है जहा पर बड़े बड़े सेलर और बाइअर निवेशक अपनी पज़िशन को बनाकर बैठे हुए होते है इनकी यही बड़े कैपिटल की पज़िशन मार्केट मे रिवर्सल लाती है।

जिस लेवल्स पर सेलर अपनी पज़िशन को बनाए हुए होते है जब शेयर का भाव उस लेवल पर पाहुचता है तो शेयर मे मंदी की रिवर्सल आती है। और जब शेयर का भाव बाइअर के लेवल्स के पास पहुचट है तो शेयर मे तेजी आ जाती है।

शेयर मार्केट मे रिवर्सल को बताने वाला इन्डकैटर कौन सा है?

शेयर के चालू मार्केट मे शेयर के रिवर्सल को पहचानने के लिए सबसे अच्छा इन्डकैटर EMA 20 तथा EMA9 है दोस्तों ये दोनों निवेशकों के लिये वरदान इन्डकैटर है। मार्केट जब भी रिवर्सल या पुलबैक आने वाला होता है तो शेयर का बहव  इस इन्डकैटर को हमेशा ही टच करके ही जाता है चाहे वाल उपर जा रहा हो या नीचे।

ऑप्शन मे ट्रेंड रिवर्सल की पहचान कैसे करे?

दोस्तों मार्केट का चार्ट तो सैम होता है चाहे आप ऑप्शन ट्रैडिंग करे इंट्राडे ट्रैडिंग करे और या फिर आप स्विंग ट्रैडिंग करे उपर पोस्ट मे हमने बताया हुआ है की चालू मार्केट मे कैसे आप पुलबैक या रिवर्सल का पता गल सकते है।

निवेशको के द्वारा पूछे गए कुछ सवाल:

  1. शेयर मार्केट मे ट्रेंड रिवर्सल के इस्तेमाल से पैसा कैसे बनाए?

Ans: दोस्तों आप ट्रेंड रिवर्सल के इस्तेमाल से पैसे कुछ स्टेप्स को फॉलो करके बना सकते है। अपने पहला स्टेप मे आप शेयर के सभी डिमांड और सप्लाइ जोन को मार्क कर ले दूसरे स्टेप्स मे आप ट्रैड के लिए एक छोटा सा स्टॉपलॉस बना ले और जब भी शेयर का भाव इस लेवल्स को ब्रेक करके रेटेस्ट करे उसी समय आप अपनी पज़िशन को बना ले। इस स्टेप्स का इस्तेमाल करके आप ट्रेंड रिवर्सल से पैसे बना सकते है।

  1. शेयर मार्केट मे रिवर्सल का पता लगाने के तरीके क्या है?

Ans: शेयर मार्केट मे रिवर्सल का पता लगाने का एक ही तरीका है की आपको डिमांड और सप्लाइ जॉन का पता लगाने आना चाहिए। बिना इसको सीखे आप शेयर के रिवर्सल का पता नहीं लगा सकते।

  1. कैसे पता करे की कौन सा शेयर उपर या नीचे जाएगा?

Ans: अगर आपको पता करना है की कौन स शेयर कब, किस समय उपर जाएगा या नीचे तो आपको सबसे पहले उस शेयर के सभी तेजी और मंदी के लेवल्स को मार्क करके रखना है अगर इन लेवल्स का ब्रैकाउट या रेटेस्ट होता है तो आप शेयर की दिशा का पता कर सकते है।

  1. शेयर के रिवर्सल को कैप्चर करने के तरीके?

Ans: शेयर के रिवर्सल को कैप्चर आप कुछ तरीकों के इस्तेमाल से कर सकते है,

  • शेयर के चार्ट मे होने वाली वालटिलिटी को देखकर।
  • शेयर के चार्ट पटटर्न्स और कैन्डलस्टिक्स को देखकर।
  • शेयर के चार्ट मे बनने वाली कैन्डल के के स्तरेन्थ को देखकर।
  • शेयर के डिमांड और सप्लाइ के लेवल्स को देखकर।
  1. शेयर मार्केट मे ट्रेंड रिवर्सल का क्या मतलब है?

Ans: जब कभी भी शेयर का भाव ऐसे लेवल्स पर पहुच जाता है जहा पर बाइअर या सेलर ने अपनी पज़िशन को बनाए हुए होते है। शेयर उन लेवल को टच करके या तो अचानक से उपर जाता है या फिर अचानक से तेजी जाने लगता है उसी फिनोमीना को ट्रेंड रिवर्सल कहते है।

conclusion

दोस्तों आज के इस पोस्ट के जरिए हमने आपको “शेयर मार्केट में रिवर्सल का पता कैसे लगाए?” इस टोपिक्स के अलावा “शेयर मार्केट मे रिवर्सल आने के क्या कारण हो सकते है?” जैसे टोपिक्स को अच्छे से समझाया है, मैंने इस पोस्ट ट्रेंड रिवर्सल को एक बेहतरीन तरीके से बताने की कोशिश की है।

मैं आशा करता हु की आपको मेरा ये ब्लॉग पोस्ट पसंद आया होगा अगर आपको “शेयर मार्केट में रिवर्सल का पता कैसे लगाए?” टोपिक्स से रिलेटेड कोई भी डाउट हो तो आप कमेन्ट बॉक्स मे लिख सकते है मैं आपको केवल कुछ घंटों मे आपके सारे सवालों के जवाब देने की कोशिश करूंगा।

आप मेरे वेबसाईट पर आए और आपने मेरा ब्लॉग पोस्ट पढ़ा मैं इसके लिए आपका जीवन भर आभारी रहूँगा “नमस्कार” allsharetarget.com

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