दोस्तों स्वागत है आपका मेर इस पोस्ट मे आज क इस पोस्ट मे हम share market me momentum kya hota-hai इस तोपक्व को लेकर डिटेल मे चर्चा कारेगे।हम मार्केट मोमेन्टम के सभी प्रकार, पहचानने के तरीके तथा मोमेन्टम ट्रैडिंग को करने और सीखने के बारे मे जानने।
दोस्तों आज की ये पोस्ट Market Momentum पर बेस है इस पोस्ट को पढ़कर आपके मार्केट मोमेन्टम को लेकर सभी डाउट क्लेयर होने वाले है। तो चलिए बिना देरी किए आज की इस पोस्ट की शुरुआत करते है।
शेयर बाजार में मोमेंटम किसे कहते हैं?
शेयर बाजार में मोमेंटम स्टॉक की गति(Move) को प्रदर्शित करता है, जब शेयर मार्केट का बाजार किसी एक विशेष दिशा(Direction) में तेजी से जाने लगता है तो उसे मोमेंटम(Momentum) कहा जाता है। इस बाजार मोमेंटम की कोई दिशा नहीं होती यह मार्केट में किसी भी तरफ हो सकता है।
बाजार मे मोमेंटम के प्रकार
शेयर बाजार मे दो प्रकार के मोमेंटम पाए जाते है, पहला मंदी का मोमेंटम तथा दूसरा तेजी का मोमेंटम। इन दोनों मोमेंटम को पहचानने के लिए बाजार मे कुछ सफल रणनीतियों का इस्तेमाल किया जाता है।
बाजार में मोमेंटम पहचानने के 5 तरीके
बाजार में मोमेंट को पहचानने के लिए एक्सपर्ट 5 तरीके इस प्रकार दिए हैं,
प्राइस एक्शन(Price action)
अगर आप ट्रेडिंग करते हैं तो आपको प्राइस एक्शन(Price action) के बारे में पता होगा आप प्राइस एक्शन सीख कर आसानी से बाजार में होने वाले सभी मोमेंटम(Momentum) को पहचान सकते हैं। मोमेंटम को पहचानने के लिए आपको प्राइस एक्शन के कुछ फैक्टर को सिखाना होगा जैसे चार्ट पेटर्न, ट्रेंड लाइन, बुलिश और बेरिश कैंडलेस्टिक पेटर्न।
चार्ट रीडिंग(Chart reading)
आप चार्ट रीडिंग से मार्केट में होने वाले मोमेंटम को पहचान सकते हैं इसके लिए आपको चार्ट रीडिंग मे एक्स्पर्ट्स बनना होगा और चार्ट रीडिंग मे इस्तेमाल होने वाले सभी फैक्टर को सिखाना और समझना होगा। चार्ट रीडिंग में इस्तेमाल होने फैक्टर प्राइस एक्शन में पाए जाते हैं आप इनको आसानी से सीख सकते है।
वॉल्यूम एनालिसिस(Volume analysis)
आप वॉल्यूम एनालिसिस करके भी मार्केट की मोमेंट को पहचान सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी ट्रेडिंग चार्ट पर चले जाना है और वॉल्यूम को अपने चार्ट पर ऐड कर लेना है। जब वॉल्यूम की स्थिति बढ़ती हुई दिखे तभी मार्केट में मोमेंट आने के चांसेस बढ़ाते हैं।
रिलेटिव स्ट्रैंथ इंडेक्स(RSI)
एक मोमेंटम संकेतक है आप संकेतक के सभी नियमों को जानकर मार्केट मोमेंट की पहचान कर सकते हैं। जब संकेतक 70 से अधिक हो जाता है तब वह ओवरबांट स्थिति का संकेत देता है। इसके अलावा जब वह 30 से नीचे चला जाता है तब वह ओवर सोल्ड की स्थिति को बताता है।
मूविंग एवरेज(Moving average)
मूविंग एवरेज भी मार्केट की मोमेंटम(Momentum) को बताने वाला एक संकेतक है इसका इस्तेमाल एक्सपर्ट(Expert) करते हैं। इसके लिए आपको अपनी ट्रेडिंग चार्ट पर दो तरीके के मूविंग एवरेज की अवधि को सेट करना है पहले 20अवधि तथा दूसरी 50अवधि। जब 20अवधि 50अवधि से ऊपर जाने लगती है तब मार्केट में मोमेंट आने के चांसेस बन जाते हैं।
मोमेंटम ट्रेडिंग कैसे करें?
एक अच्छी मोमेंटम ट्रेडिंग करने के लिए आपको सबसे पहले बाजार में मोमेंटम के आने के सभी फैक्टर को समझना होगा। इसके बाद आपको चार्ट में इस्तेमाल होने वाले सभी प्राइस एक्शन पेटर्न्स को सिखाना होगा तभी जाकर आप एक अच्छी मोमेंटम ट्रेडिंग(Momentum trading) कर सकते हैं।
मोमेंटम ट्रेडिंग में इस्तेमाल होने वाले 5 इन्डकैटर
मोमेंटम ट्रेडिंग में इस्तेमाल होने वाले पांच सफल और महत्वपूर्ण इन्डकैटर इस प्रकार हैं,
- 20EMA और 50EMA
- Super trend
- SMA
- RSI
मोमेंटम ट्रेडिंग करने के फायदे
मोमेंटम ट्रेडिंग करने के कुछ फायदे इस प्रकार हैं,
उच्च रिटर्न की संभावना
मोमेंटम ट्रेडिंग में स्टॉक का प्राइस में उतार-चढ़ाव काफी तेजी से होते हैं जिसमें निवेशक निवेश करके केवल कुछ ही समय के अंदर एक बड़ी रिटर्न को कैप्चर(Capture) कर सकता है।
समय की कम खपत
मोमेंटम ट्रेडिंग मार्केट की दिशा के साथ करने वाली ट्रेडिंग है जिसमें कम समय लगता है। आप मोमेंटम ट्रेनिंग करके ट्रेडिंग में नुकसान होने वाले समय को कम कर सकते हैं।
प्राइस एक्शन एनालिसिस में कमी
मोमेंटम ट्रेडिंग में केवल एक ही बार प्राइस एक्शन एनालिसिस की जाती है बार-बार प्राइस एनालिसिस(Price analysis) करने की जरूरत नहीं होती। इससे आप प्राइस एक्शन में इस्तेमाल होने वाले अपने समय में कमी ला सकते है।
शॉर्ट टर्म ट्रेड के अवसर
मोमेंटम ट्रेनिंग निवेशकों को शॉर्ट टर्म ट्रेड के अवसर प्रदान करती है। बाजार में जब मोमेंटम एक बार आती है तो वह हफ्तों तक रहती है इसी वजह से बाजार मे मोमेंटम आने पर निवेशक बाजार में अपनी पोजीशन बना लेते हैं।
फंडामेंटल एनालिसिस पर कम निर्भरता
मोमेंटम ट्रेडिंग में मोमेंटम को पहचानने के लिए हमेशा प्राइस एक्शन का इस्तेमाल होते है, इस वजह से निवेदक की फंडामेंटल एनालिसिस पर निर्भरता बहुत कम हो जाती है।
निवेशकों के द्वारा पूछे गए कुछ सवाल
मोमेंटम ट्रेडिंग को सिखाने में कितने समय लगते हैं?
दोस्तों यह आप पर निर्भर करता है कि आप मोमेंटम ट्रेडिंग को किस प्रकार से सीखते हैं अगर आप मोमेंटम ट्रेडिंग की कुछ भाग को रोजाना सीखते हैं तो आप एक अच्छी मोमेंटम ट्रेडिंग कुछ ही महीना में सीख जाएंगे।
इसके अलावा यदि आप सीखते समय गैप लेते हैं तो आपको मोमेंटम ट्रेडिंग सीखने में सालों लग जायेंगे।
मोमेंटम ट्रेडिंग करने के बेस्ट टाइम फ्रेम कौन से हैं?
मोमेंटम ट्रेडिंग करने के बेस्ट टाइम फ्रेम 3 मिनट और 5 मिनट आप जितना कम टाइम फ्रेम का इस्तेमाल करेंगे उतना ही आप मार्केट के मोमेंटम स्ट्रक्चर को पहचान पाएंगे।
मोमेंटम ट्रेडिंग से 1 दिन में कितना कमा सकते हैं?
दोस्तों मोमेंटम ट्रेडिंग से 1 दिन में लाखों तक कमा सकते हैं या इससे ज्यादा भी। लेकिन इसके लिए आपको मोमेंटम ट्रेडिंग को बारीकी से सीखना और समझना होगा। तथा इसके अलावा आपको एक सफल रणनीति की भी आवश्यकता पड़ेगी।
मोमेंटम ट्रेनिंग कितनी धनराशि से करनी चाहिए?
दोस्तों मोमेंटम ट्रेडिंग 6 से 7000 से भी की जा सकती है इस धनराशि से आपके रोजाना के प्रॉफिट हजार से डेढ़ हजार तक के हो सकते हैं। अगर आप अपने डेली के प्रॉफिट को बढ़ाना चाहते हैं तो आपको अपनी धनराशि बढ़ाने की आवश्यकता है।
Conclusion
दोस्तों आज के इस पोस्ट के माध्यम से मैंने आपको “Market Momentum” को विस्तार से बताने की कोशिश की है। मैंने मार्केट मोमेन्टम के सभी प्रकार तथा, सीखने के तरीके,इसके लाभ को डिटेल मे समझाया हुआ है।
मैं आशा करता हूँ की आपको मेरी ये पोस्ट पसंद आई होगी। अगर आपको मार्केट मोमेन्टम को लेकर कोई भी डाउट है तो आप कॉमेंट कर सकते है।
आप सं ने मेरी इस पोस्ट को पढ़ा मैं इसके लिए आपका आभारी रहूँगा “नमस्कार allsharetarget.com”।